साइकल और सवाल पर्यावरण के!
विकास के इस चरण पर पहुंच, एक ओर तो हम तकनीकी उपकरणों के इतने आदी हो गए हैं कि उनके बिना अपनी हस्ती ही डोलती हुई नजर आती है। दूसरी ओर जलवायु में आने वाले भारी परिवर्तन बार-बार हमे चेतावनी दे डालते हैं...
View ArticleLondon Diary : Mind the Gap
Walk down the streets of London, and that is one thing you can do when here , anywhere that you fancy and each strand will tell a story.
View Articleजब सिर्फ़ अच्छी ख़बर छपेगी, पत्रकार क्या कर लेगा?
पिछले कुछ सालों में मीडिया की आज़ादी को जितनी बहस हुई है उतनी पहले कभी नहीं हुई। मीडिया ने इन सालों में अपनी आज़ादी से अगर समझौता किया तो उसके पीछे बहुत बार सरकारों या राजनीतिक दलों का दवाब था। तो कभी...
View Articleकला के बिना विज्ञान भी अधूरा है!
अस्पताल किसी के लिए भी सुंदर और सुखद जगह नहीं होते। जहां तक हो सके, हम सब की यही ख्वाहिश होगी कि खुदा करे अस्पताल के चक्कर न ही लगें। पर हम सब यह भी जानते हैं कि कभी न कभी चक्कर तो लगाना ही पड़ता...
View Articleन्यूयॉर्क डायरी : पीढ़ियों की सीढ़ियां
एन्थ्रोपालजिस्ट मार्गरेट मीड ने कहा था कि पहले जब कोई दादी गोद में बिठाए अपने पोते के भविष्य के बारे में सोचती थी तो बहुत कुछ अपने वर्तमान जैसा भविष्य की परिकल्पना में होता था। जो ले-देकर सही भी था।...
View Articleदिवाली के अलग रंग : न्यूयॉर्क में
मुझे याद आता है आज से लगभग 35 साल पहले। दिवाली पर घर की बहुत याद आती थी। दिवाली के साथ जुड़े थे सारे सगे-संबंधी, दीये की कतारों से सजी घरों की बिन्नियां और खिड़कियां, मिठाइयों से तनातन भरी रंग-बिरंगी...
View Articleबच्चों के बहाने
सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई के ये शब्द उम्मीदों को जगाते हैं। इस बार के बाल दिवस में मलाला के अलावा भारत से नोबेल पुरस्कार के लिए चयनित किए गए कैलाश सत्यार्थी भी नई उम्मीदों को...
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